आख़िर क्यों 786 को इस्लाम में महत्व दिया जाता है ?

786 की संख्या अरबी भाषा में “बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम” का सांख्यिक रुप कहा जाता है। यह एक छोटी सी दुआ है जो कुरान के प्रत्येक अध्याय के आरम्भ में लिखी जाती है। इसका मतलब है “अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान और निहायत रहम वाला है” (In the name of Allah, The Most Gracious and The …